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Saturday, 3 March 2012

आसमा से थोड़ी सी जगह माँगी है

बैठे ठाले की तरंग ------------
आसमा से थोड़ी, जगह माँगी है
ज़मी पे अब अपना गुज़रा नहीं
मुकेश इलाहाबादी --------------

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