एक बोर आदमी का रोजनामचा
Pages
(Move to ...)
Home
▼
Thursday, 19 April 2012
सुना कर दास्ताँ आपको, वक़्त जाया किया जाए
बैठे ठाले की तरंग -------------------------------
सुना कर दास्ताँ आपको, वक़्त जाया किया जाए
बेहतर है इससे अपनी तन्हाईयों में रो लिया जाए
मुकेश इलाहाबादी -------------------------------
1 comment:
ANULATA RAJ NAIR
19 April 2012 at 04:30
सबसे अच्छा है.......जी हल्का हो जाएगा....
Reply
Delete
Replies
Reply
Add comment
Load more...
‹
›
Home
View web version
सबसे अच्छा है.......जी हल्का हो जाएगा....
ReplyDelete