एक बोर आदमी का रोजनामचा
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Thursday, 19 April 2012
सुना कर दास्ताँ आपको, वक़्त जाया किया जाए
बैठे ठाले की तरंग -------------------------------
सुना कर दास्ताँ आपको, वक़्त जाया किया जाए
बेहतर है इससे अपनी तन्हाईयों में रो लिया जाए
मुकेश इलाहाबादी -------------------------------
1 comment:
ANULATA RAJ NAIR
19 April 2012 at 04:30
सबसे अच्छा है.......जी हल्का हो जाएगा....
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सबसे अच्छा है.......जी हल्का हो जाएगा....
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