ईश्क के सिवा काम नही
कहीं भी चैनो आराम नही
लोग मुझे कम जानते हैं
पर मै कोई गु़मनाम नही
अंधेरे से अपनी यारी है
रोशनी का इंतजाम नही
उस शख्स से प्यार किया
जिससे दुआ सलाम नही
हथेली पे तो धूप लिखी है
मेरी लिये काई शाम नही
मुकेश इलाहाबादी -------
कहीं भी चैनो आराम नही
लोग मुझे कम जानते हैं
पर मै कोई गु़मनाम नही
अंधेरे से अपनी यारी है
रोशनी का इंतजाम नही
उस शख्स से प्यार किया
जिससे दुआ सलाम नही
हथेली पे तो धूप लिखी है
मेरी लिये काई शाम नही
मुकेश इलाहाबादी -------
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