एक बोर आदमी का रोजनामचा
Pages
(Move to ...)
Home
▼
Monday, 9 November 2015
तुम, इंकार के जितने भी बहाने जानती हो
तुम,
इंकार के
जितने भी बहाने जानती हो ,
उससे ज़्यादा
मै प्यार के तरीके जानता हूँ
मुकेश इलाहाबादी -----
No comments:
Post a Comment
‹
›
Home
View web version
No comments:
Post a Comment