एक बोर आदमी का रोजनामचा
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Monday, 9 November 2015
तुम, इंकार के जितने भी बहाने जानती हो
तुम,
इंकार के
जितने भी बहाने जानती हो ,
उससे ज़्यादा
मै प्यार के तरीके जानता हूँ
मुकेश इलाहाबादी -----
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