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Wednesday, 13 March 2019

जाने क्यूँ

ईश्वर
से कुछ माँगते वक़्त
तुम्हारा ही ख़्याल क्यूँ आता है ?

मद्धिम - मद्धिम हवा चल रही हो
और मौसम खुशगवार हो तो
ये मन तुम्हारा ही साथ क्यूँ चाहता है ?

सुःख - दुःख तुमसे ही
बतियाने को जी क्यूँ चाहता है ?

मौसम की पहली बारिस में
तुझ संग भीगने की जी करता है

जाने क्यूँ

होली में सबसे पहले
तेरे ही गालों पे गुलाल मलने का 
जी क्यूँ  करता है ?

सुमी ! क्या तुझ संग भी ऐसा कुछ होता है ????

मुकेश इलाहाबादी -----------------------------

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