हमने
इक दूजे को
कोई इशारा नहीं किया
कोई वादा नहीं किया
कभी अकेले में नहीं मिले
सिर्फ सीधी - सच्ची मुलाकातें की
भीड़ में - फिर क्यूँ लगता है
हमने बहुत कुछ कहा है - एक दूजे से
बहुत कुछ सुना है - एक दूजे को
बहुत सारे वायदे कर के अलग हुए हैं - एक दूजे से
ऐसा क्यूँ ??
क्या तुम्हे पता है सुमी ???
मुकेश इलाहाबादी ------------------------------
इक दूजे को
कोई इशारा नहीं किया
कोई वादा नहीं किया
कभी अकेले में नहीं मिले
सिर्फ सीधी - सच्ची मुलाकातें की
भीड़ में - फिर क्यूँ लगता है
हमने बहुत कुछ कहा है - एक दूजे से
बहुत कुछ सुना है - एक दूजे को
बहुत सारे वायदे कर के अलग हुए हैं - एक दूजे से
ऐसा क्यूँ ??
क्या तुम्हे पता है सुमी ???
मुकेश इलाहाबादी ------------------------------
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