Pages

Wednesday, 25 July 2018

थोड़ी सी धूप थोड़ा सा पानी है

थोड़ी सी धूप थोड़ा सा पानी है
थोड़ा ठहराव है थोड़ी रवानी है

कभी हँसाती, तो कभी रुलाती
जीवन सुख दुःख की कहानी है

कँही तो कांटे,झाड़ी और धतूरा
कंही पे गेंदा गुलाब रातरानी है

कंही पर खुशी के उड़ते गुलाल
कुछ जगह मौसम शमशानी है

इक राम नाम को ही सच जान
ये धन दौलत ओहदा बेमानी है

मुकेश इलाहाबादी ------------

No comments:

Post a Comment