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Saturday 25 August 2018

गाँठे

एक
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मर्यादा
में, बंधे - बंधे हमने खोली
एक दूजे की गाँठे
और
बंध गए एक अटूट रिश्ते में

दो
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आओ,
खोल दे उन अदृश्य गाँठो को
जिनके उग आने से
बिखर गए थे हम दोनों

मुकेश इलाहाबादी ----------

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