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Friday 7 August 2020

आँख अंधी और कान बहरे हो चुके हैं

 आँख

अंधी और कान
बहरे हो चुके हैं
और ज़ुबान तालू से
चिपक चुकी है

(बोलने - देखने- सुनने वालों के )

अपनी
आँखें कान और ज़ुबान
गिरवी रख दी है

(कुछ चालाक लोगों ने )

अपनी अपनी
आँख - कान और जुबान
बचाये रखने के लिए
खुद को अँधेरे में छुपा रखा है

(कुछ डरे हुए लोगों ने )

मुकेश बाबू ! क्या बताओगे,
तुम इन तीनो में से किस कैटेगिरी में हो ????

मुकेश इलाहाबादी -----------------------

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