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Monday 21 September 2020

सूरज हूँ सांझ समंदर में डूब अँधेरा हो जाऊँगा

 सूरज हूँ सांझ समंदर में डूब अँधेरा हो जाऊँगा

देखना एक दिन मै शहर से लापता हो जाऊँगा
तुम्हारा दिल तुम्हारी ज़िंदगी तुम्हारा फैसला
अभी भी तनहा हूँ थोड़ा और तनहा हो जाऊँगा
मिलने का जी चाहेगा तो ढूंढ लेना आसमा में
हजारों तारों में मै भी इक सितारा हो जाऊँगा
मेरी हर साँस में तुम्हारा ही नाम लिक्खा है
मिटा कर हर हरूफ़ खाली पन्ना हो जाऊँगा
अगर रूहानी ईश्क की प्यास रखते हो मुकेश
चले आना तुम्हारे लिए मै झरना हो जाऊँगा
मुकेश इलाहाबादी -------------------------
Subodh Pandey, Archana Chandra and 6 others
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