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Sunday 27 December 2015

तेरा ग़म है और तेरी यादें हैं

तेरा ग़म है और तेरी यादें हैं
मेरे पास सिर्फ यही बातें हैं
सूरज चाँद सितारे तेरे साथ
साथ अपने तो स्याह रातें हैं
लोग फूल लिए बैठे हैं, वहाँ
यहाँ हमारे हाथ में अंगारे हैं
गर तुमको पसंद नहीं दोस्त
बज़्म से हम ही चले जाते हैं 
मुकेश इलाहाबादी ----------

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