Pages

Thursday 25 June 2020

मेरे सीने में खंज़र चला गया कोई

मेरे सीने में खंज़र चला गया कोई
दे गया आज फिर घाव नया कोई
एक ही चराग़ था दिल दहलीज़ पे
सांझ वो भी दिया बुझा गया कोई
बड़ी शिद्दत से तेरा नाम लिखा था
दिलजला आ कर मिटा गया कोई
उसकी आवाज़ में नुक़रई खुनक है
शायद उसके जी को भा गया कोई
मुक्कू नहीं बताऊंगा मै भी तुम्हे
कि मेरे दिल पे भी छा गया कोई
मुकेश इलाहाबादी --------------

No comments:

Post a Comment