Pages

Thursday 25 June 2020

दिल का दर्द कागज़ पे उतर आया

दिल का दर्द कागज़ पे उतर आया
कागज़ पे इक समंदर उमड़ आया
जाने किस बात पे रूठ गया था वो
वो गया तो फिर लौट कर न आया
उसकी आँखों में कुछ लिखा तो है
पर मुझ मासूम को न समझ आया
मुकेश इक मुद्दत के बाद घर लौटा
पूरा आलम ही बदला नज़र आया
मुकेश इलाहाबादी ----------------

No comments:

Post a Comment