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Sunday 25 October 2020

बहुत पहले मै पहाड़ में तब्दील हो गया था

 बहुत 

पहले मै 

पहाड़ में तब्दील हो गया था 

जिसपे 

ख़ामोशी की 

मोटी बर्फ जम गयी थी 

फिर ,

एक दिन 

तुम्हारे नाम का सूरज उगा 

और 

फिर तुम्हारे गालों की 

सुर्ख धूप से बर्फ पिघलने लगी 

और मै धीरे - धीरे 

झरने में तब्दील हो गया हूँ 

किसी सांझ तुम भी 

चाँद बन 

उतर आओ 

और हम करें 

केलि 


मुकेश इलाहाबादी -----


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