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Tuesday 15 December 2020

तुझसे इश्क़ ही तो किया था हमने

 तुझसे इश्क़ ही तो किया था हमने

तो क्या ये गुनाह कर दिया हमने
फकत चंद मुलाकातों को बचा कर
ज़िंदगी सब कुछ भुला दिया हमने
बाजुओं पे अपनी कर के भरोसा
लकीरें हाथों की मिटा दिया हमने
वो चाहता था मुझे ग़मज़दा देखे
ज़िंदगी हंस के बिता दिया हमने
सिर्फ तेरे नाम का दिया है रौशन
रात सारे चराग़ बुझा दिया हमने
मुकेश इलाहाबादी -----------

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