न साफ़ मना करते हैं, न इकरार किया करते हैं
अपनी जुल्फों सा हमें भी उलझा के रखा करते हैं
न मेरे तो घर आते हैं,न अपने घर बुलाया करते हैं
ज्यादा जिद करो तो,मुस्कुरा के टाल जाया करते हैं
न चैट किया करते हैं, न एस एम् एस दिया करते हैं
अगर फ़ोन भी हम करें तो काट दिया करते हैं
मुकेश इलाहाबादी ---------------------
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