एक बोर आदमी का रोजनामचा
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Tuesday, 18 September 2012
मेरी मुकुराहट तेरी चाहत से खिला करी है
मेरी मुकुराहट तेरी चाहत से खिला करी है
तू कंही हवा पानी और ज़मीं तो नहीं ????
मुकेश इलाहाबादी ----------------------
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