एक बोर आदमी का रोजनामचा
Pages
Home
Wednesday, 26 September 2012
वो कोइ और ग़ज़लगो होंगे,
वो कोइ और ग़ज़लगो होंगे,
जिनकी गजलों में तू शामिल नहीं
मेरे तो हर रूहे सुखन में,
तू ही तू शामिल है, --------------------
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
View mobile version
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment