एक बोर आदमी का रोजनामचा
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Sunday, 2 September 2012
बेहोश थे तेरी मुहब्बत मे हम इस क़दर
बेहोश थे तेरी मुहब्बत मे हम इस क़दर
कब गुज़र गया तेरा घर न होश थी न खबर
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