एक बोर आदमी का रोजनामचा
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Saturday, 15 September 2012
अपनी धड़कने काबू मे तो रख लूं
अपनी धड़कने काबू मे तो रख लूं
कि राजे मुहबब्त खुलने वाला है
मुकेश इलाहाबादी --------------
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