एक बोर आदमी का रोजनामचा
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Friday, 21 September 2012
आने की इत्तला जो मिल गयी होती
आने की इत्तला जो मिल गयी होती
दिल के सिवाय जाँ भी पेश कर देते,,
घर है गरीब का कुछ और है नहीं,वर्ना
जो आप कहते सब कुछ पेश कर देते
मुकेश इलाहाबादी ---------------------
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