एक बोर आदमी का रोजनामचा
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Tuesday, 25 September 2012
उन्होंने ज़माने में नामे हुस्न लिख के अपनी कलम तोड़ दी,
उन्होंने ज़माने में नामे हुस्न लिख के अपनी कलम तोड़ दी,
हमने अपने सीने पे उनकी बेवफाई लिख के इश्क की कलम तोड़ दी
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