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Monday, 1 October 2012

कभी इस तरफ बैठे
कभी उस तरफ बैठे
हम पे भी हो नज़रें इनायत,इसलिए
महफ़िल में पहलू बदल बदल के बैठे

मुकेश इलाहाबादी ---------------------o b

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