एक बोर आदमी का रोजनामचा
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Sunday, 23 September 2012
हम तो पतंगे हैं,
हम तो पतंगे हैं,
पल भर मे ख़ाक हो जायेंगे
तुम ही रात भर जलोगे,
फिर तनहा ही बुझ जाओगे
मुकेश इलाहाबादी ----------
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