किसे फिक्र है ? नज़ारे देखा करें
किसे फिक्र है ? नज़ारे देखा करें
साथ राह चलते सितारे देखा करें
राजनीत के मगरमच्छ है सभी
इन्हें क्या गरज किनारे देखा करें
ज़िन्द्गे जिनकी आराम से कटे है
फिर वे क्यूँ दुःख हमारे देखा करें
मुकेश इलाहाबादी -------------------
No comments:
Post a Comment