सुना है शहर में ग़म बोलते हैं
पढ़े लिखे लोग कम बोलते हैं
है तासीर सच्चा स्वाद कड़ुआ
मुँह में रख कर नीम बोलते हैं
मुहब्बत में जब जुबां न बोले
समझ लेना कि वहम बोलते हैं
सारा जहाँ चुप हो जाए मुकेश
महफ़िल में तब हम बोलते हैं
मुकेश इलाहाबादी --------------
पढ़े लिखे लोग कम बोलते हैं
है तासीर सच्चा स्वाद कड़ुआ
मुँह में रख कर नीम बोलते हैं
मुहब्बत में जब जुबां न बोले
समझ लेना कि वहम बोलते हैं
सारा जहाँ चुप हो जाए मुकेश
महफ़िल में तब हम बोलते हैं
मुकेश इलाहाबादी --------------
No comments:
Post a Comment