जब आग में गला होगा
तब साँचे में ढला होगा
कीचड़ में उतर कर ही
कमल सा खिला होगा
सब का दामन मैला है,
कौन दूध का धुला होगा
बदन पे खुशबू खुशबू,तू
रात फूलों से मिला होगा
मुकेश शाम से खुश है,
महबूब से मिला होगा
मुकेश इलाहाबादी ----
तब साँचे में ढला होगा
कीचड़ में उतर कर ही
कमल सा खिला होगा
सब का दामन मैला है,
कौन दूध का धुला होगा
बदन पे खुशबू खुशबू,तू
रात फूलों से मिला होगा
मुकेश शाम से खुश है,
महबूब से मिला होगा
मुकेश इलाहाबादी ----
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