ज़िन्दगी ने कुछ दिया, न दिया,
अर्ज़ किया है !
(कुछ फुटकर शेर)
ज़िन्दगी ने कुछ दिया, न दिया,
तजुर्बात कितने दिए सोचता हूँ
कभी खुशबू मेरे घर भी आयेगी
यही सोच, रोज़ दरीचे खोलता हूँ
बहुत तुनक मिजाज़ है, यार मेरा
बोलने के पहले बहुत तोलता हूँ
मुकेश इलाहाबादी
just wowwwwwwwwwwwwwwwwwwwwwwwww!
ReplyDeleteThnx Goldee jee
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