बैठे ठाले की तरंग ------------------
खुदा,कलम में कुछ ऐसी ताकत दे
ज़िन्दगी की अपनी दास्ताँ लिख दूं
हर एक शख्स को सुनाने से अच्छा,
दास्ताने मुहब्बत का दीवान लिख दूं
इस तरह बार बार तू मुझे न आजमा
आ, तेरे नाम अपना दिलोजान लिख दूं
मुकेश इलाहाबादी --------------------
वाह....................
ReplyDeleteक्या जज़्बात हैं....
सादर.