नींद किसी करवट आती नहीं
नींद किसी करवट आती नहीं
याद तेरी दिल से जाती नहीं
लैला मजनू की कहानिया भी
अब दिल मेरा बहलाती नहीं
शज़र तो बहुत है राह में पर हैं
सभी ताड़ ब्रक्ष छांह आती नहीं
जतन तो बहुत करता हूँ , मगर
चेहरे पे मुस्कराहट आती नहीं
मुकेश इलाहाबादी -----------
No comments:
Post a Comment