एक बोर आदमी का रोजनामचा
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Friday, 7 December 2012
कमबख्त मुहब्बत ऐसा नशा है ज़नाब,
कमबख्त मुहब्बत ऐसा नशा है ज़नाब,
न चाहते हुई भी शराबी बना ही देता है
मुकेश इलाहाबादी ---------------------
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