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Monday, 17 December 2012

दिन आफताब रात महताब चाहिए


 


दिन आफताब रात महताब चाहिए
थोडी सी तपन थोड़ा सा आब चाहिए

सिर्फ हकीकत से काम चलता नहीं
जिंदगी के लिए कुछ ख्वाब चाहिये

मुकेश इलाहाबादी --------------------

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