एक बोर आदमी का रोजनामचा
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Tuesday, 19 March 2013
मुहब्बत आग का दरिया है , ख़ाक हो गए होते दोनों
मुहब्बत आग का दरिया है , ख़ाक
हो गए होते दोनों
चलो अच्छा हुआ तनहा ही सही ज़िंदा तो हैं हम दोनों
मुकेश इलाहाबादी -----------------------------------
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