Pages

Monday, 4 March 2013

दर्द से रिश्ता पुराना हो गया




दर्द से रिश्ता पुराना हो गया
मुस्कुराए हुए ज़माना हो गया

पल भर को नज़रें क्या मिली
दुनिया भर का फ़साना हो गया

जुल्फों ने तेरे गालों को चूमा
हवा का रुख तो बहाना हो गया

रात जूही की कुछ फूल क्या खिले
शहर का मंज़र सुहाना हो गया

हटा के नकाब जो तुमने था देखा
हर शख्श आपका दीवाना हो गया

मुकेश इलाहाबादी ----------------

No comments:

Post a Comment