तूफ़ान पे हौसला भारी है
तूफ़ान पे हौसला भारी है
चराग की लड़ाई जारी है
दुनिया न मेरी न तेरी है
इसपे सबकी हिस्सेदारी है
ज़ुल्म कर लिया तुमने बहुत
सम्हलो, अब हमारी बारी है
बड़े तपाक से मिलता है
उसकी सब से यारी है
मुकेश मेहनत की खाता है
यह उसकी खुद्दारी है
मुकेश इलाहाबादी ------------
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