एक बोर आदमी का रोजनामचा
Pages
Home
Thursday, 9 May 2013
कब्र मे भी आते हैं ख्वाब तुम्हारे
कब्र मे भी आते हैं ख्वाब तुम्हारे,
मर के भी दिल है कि मानता नही
मुकेश इलाहाबादी ------------------
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
View mobile version
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment