दुनिया बदल गयी, हालात न बदले
हमारे लिए उनके खयालात न बदले
आज भी मिलते हैं बेगानो की तरह
कि हमारे उनके ताल्लुकात न बदले
हमारे होठो पे है वही पुराना तराना
औ आज भी हमारे सुरताल न बदले
आज भी मजबूरियां वही की वही हैं
हमारी जिंदगी के सवालात न बदले
गर इससे बेहतर हो नही सकता तो
मुकेश हमारे हालत बहरहाल न बदले
मुकेश इलाहाबादी ......................
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