Pages

Monday, 3 June 2013

मुझे मालूम है मुकेश

मुझे मालूम है मुकेश तू मुहब्बत किसी कदर छोड़ नही सकता
कि मुहब्बत मेरे दिल मे सांस और रगों मे खूं बन के रन्वा है
मुकेश इलाहाबादी ------------------------------------------------

No comments:

Post a Comment