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Monday, 24 June 2013

क्या करें हम भी शरारत हो ही जाती है

 
 क्या करें हम भी शरारत हो ही जाती है तुमको देख कर,,
तुम ही अपनी मासूमियत से कह दो,जरा हद मे रहा करे
मुकेश इलाहाबादी...................................

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