एक बोर आदमी का रोजनामचा
Pages
Home
Monday, 24 June 2013
क्या करें हम भी शरारत हो ही जाती है
क्या करें हम भी शरारत हो ही जाती है तुमको देख कर,,
तुम ही अपनी मासूमियत से कह दो,जरा हद मे रहा करे
मुकेश इलाहाबादी.....................
..............
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
View mobile version
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment