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Saturday, 15 June 2013

मतले का शेर हमने तुमको बना लिया



मतले का शेर हमने तुमको  बना लिया 
मक़्ते मे फिर अपना नाम सजा  लिया

नफ़स - २ मे तेरा नाम पिरोकर,खुद को 
माले  का  आखिरी  मनका  बना लिया 

घर मे तेरी यादें एहतियात से सजाकर
तेरे इंतज़ार मे हमने आखें बिछा लिया

मुहब्बत के आकाश मे तारे तो बहुत थे
तुझको  हमने  अपना चांद बना लिया 






न  शायरी का इल्म है, ग़ज़ल का शऊर
तेरे प्यार मे खुद को शायर बना लिया

मुकेश इलाहाबादी ------------------------

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