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Tuesday, 29 October 2013

कल तक तो जाँ था ज़िगर था साँसे था,,,

कल तक तो जाँ था ज़िगर था साँसे था,,,
ज़रा सी बेरुखी मे सनम बेवफा हो गया?
मुकेश  इलाहाबादी ------------------------

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