चूम के देखा नही
चूम के देखा नही
छू कर जाना नही
अजनबी सा मिला
हंस कर बोला नही
यार बना फिरता है
हाले दिल पूछा नही
नक़ाब में रहा आया
रू -ब - रू हुआ नही
वह बेवफा था नही
वफ़ा भी किया नही
दी थी आवाज़ हमने
सुन के भी सूना नही
बेरुखी उसकी हमने
किसी से कहा नही
मुकेश इलाहाबादी --
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