एक बोर आदमी का रोजनामचा
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Monday, 10 March 2014
ज़रा सी शरारत और तारीफ में तो शरमा जाते हैं वो
ज़रा सी शरारत और तारीफ में तो शरमा जाते हैं वो
जाने अंजामे अदा क्या होगी जब वस्ल की रात होगी
मुकेश इलाहाबादी ----------------------------------------
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