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Friday, 2 May 2014

हर सिम्त फ़ैली तीरगी बताती है र

हर सिम्त फ़ैली तीरगी बताती है
रात ढलने में वक़्त अभी बाक़ी है

मुझे संगमारी की सज़ा दी गयी है
तेरे हाथ का पत्थर आना बाक़ी है

फ़क़त ग़ज़ल सुन के मत लौटो
मेरी मौतकी खबर आना बाकी है

आज जी भर के पिलाओ मुकेश
मैखाने में जब तक शराब बाकी है

मुकेश इलाहाबादी --------------

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