तुम्हारी मुस्कराहट का राज़ क्या है
अलसाई आखों में ख्वाब किसका है
ज़ुल्फ़ों को झटका औ बारिस हो गयी
सच बताना ये किसका प्यार बरसा है
चन्दन की कलम और थरथराते हाथ
तुमने किसके ख़त का जवाब लिखा है
मुकेश इलाहाबादी ----------------------
अलसाई आखों में ख्वाब किसका है
ज़ुल्फ़ों को झटका औ बारिस हो गयी
सच बताना ये किसका प्यार बरसा है
चन्दन की कलम और थरथराते हाथ
तुमने किसके ख़त का जवाब लिखा है
मुकेश इलाहाबादी ----------------------
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