Pages

Saturday, 21 June 2014

मै उसके असर में हूँ

मै उसके असर में हूँ
ज़माने की नज़र में हूँ

अखबार के पन्नों में
सबसे बड़ी खबर में हूँ

मिलने तो चले आओ
तुम्हारे ही शहर में हूँ

इंतज़ार की घड़ियाँ हूँ मै
ज़ेहन मे आठों पहर में हूँ

सिर्फ तेरे बारे में सोचूंगा
इस वक़्त मै बिस्तर में हूँ

मुकेश इलाहाबादी ---------

No comments:

Post a Comment