मै उसके असर में हूँ
ज़माने की नज़र में हूँ
अखबार के पन्नों में
सबसे बड़ी खबर में हूँ
मिलने तो चले आओ
तुम्हारे ही शहर में हूँ
इंतज़ार की घड़ियाँ हूँ मै
ज़ेहन मे आठों पहर में हूँ
सिर्फ तेरे बारे में सोचूंगा
इस वक़्त मै बिस्तर में हूँ
मुकेश इलाहाबादी ---------
ज़माने की नज़र में हूँ
अखबार के पन्नों में
सबसे बड़ी खबर में हूँ
मिलने तो चले आओ
तुम्हारे ही शहर में हूँ
इंतज़ार की घड़ियाँ हूँ मै
ज़ेहन मे आठों पहर में हूँ
सिर्फ तेरे बारे में सोचूंगा
इस वक़्त मै बिस्तर में हूँ
मुकेश इलाहाबादी ---------
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