एक बोर आदमी का रोजनामचा
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Thursday, 31 July 2014
गुलाल बन के महफ़िल में आपही उड़े होगे
गुलाल बन के महफ़िल में आपही उड़े होगे
वरना शाम बड़ी उदास उदास और सादी थी
मुकेश इलाहाबादी ----------------------------
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