एक बोर आदमी का रोजनामचा
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Monday, 6 October 2014
ख़ूबसूरती हो खुशबू हो और ताज़गी भी हो
तस्वीर कुछ कहती है -----------------------
ख़ूबसूरती हो खुशबू हो और ताज़गी भी हो
फूल से अलफ़ाज़ मिलें तो ख़त तुझे लिखूं
मुकेश इलाहाबादी ---------------------------
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